दो चरणों में लागू हो सकता है FTA, पीयूष गोयल ने दिया बड़ा बयान
FTA may be Implemented in two Phases
यरूशलम : FTA may be Implemented in two Phases: भारत और इजराइल अपने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को दो चरणों में लागू करने पर विचार कर रहे हैं, ताकि दोनों देशों के व्यापारिक समुदाय को जल्द लाभ मिल सके. यह बात वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कही.
भारत और इजराइल ने इस समझौते के लिए औपचारिक रूप से वार्ता शुरू करने के लिए गुरुवार को संदर्भ की शर्तों (टीओआर) पर हस्ताक्षर किए थे.
वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं उन्हें दीं. साथ ही मंत्री नीर बरकत के साथ अपनी बातचीत और साथ आए 60 से ज़्यादा भारतीय बिज़नेस डेलीगेशन के साथ हुए बिज़नेस फोरम और CEOs फोरम के सफल आयोजन के बारे में उन्हें अपडेट किया.
इस बारे में गोयल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'एफटीए बातचीत शुरू करने के लिए टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस पर साइन करने पर ज़ोर दिया, जिससे ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी कोऑपरेशन को बढ़ावा मिलेगा. इज़राइल की हाई-टेक ताकत को भारत के स्केल और टैलेंट के साथ मिलाकर हमारी इनोवेशन पार्टनरशिप को मज़बूत करने पर चर्चा की. इसके अलावा एग्रीकल्चर, वॉटर, डिफेंस, साइंस और टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के सेक्टर में बाइलेटरल इकोनॉमिक और स्ट्रेटेजिक एंगेजमेंट को और गहरा करने के लिए उनसे गाइडेंस ली.'
इस टीओआर में माल के लिए बाजार पहुंच, शुल्क एवं गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करना, निवेश सुगमीकरण, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सरल बनाना, नवाचार और तकनीकी हस्तांतरण में सहयोग बढ़ाना तथा सेवा व्यापार को बढ़ावा देने के नियमों में ढील देना शामिल है.
गोयल ने यहां कहा, ''हम इसे दो चरणों में करने पर विचार कर रहे हैं। वार्ता शुरू होने पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा. दोनों मंत्री चाहते हैं कि पहला चरण जल्द पूरा हो जाए ताकि व्यापारिक समुदाय को जल्द फायदा मिलना शुरू हो जाए.''
मंत्री द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने इजराइल आए हैं. वह 60 सदस्यीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. दोनों देशों ने संवेदनशील मुद्दों को अभी छूने से बचने का फैसला किया है.
गोयल ने कहा कि दोनों देश देखेंगे कि ''इनोवेशन और आरएंडडी किस तरह एक-दूसरे के देशों में ज्यादा निवेश ला सकते हैं. हम संयुक्त परियोजनाओं पर काम करेंगे, जहां हमें उनकी विशेषज्ञता का लाभ मिले और वे भारत जैसे बड़े बाजार का फायदा उठा सकें.''